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अगर कोई गलत भी बोलें तो मुस्कुरा दीजिए

अगर कोई गलत भी बोलें तो मुस्कुरा दीजिए

उलझनों में उलझी हुई है जिंदगी
पाकर पद धन वैभव न हो अभिमान
समझ लेते है हम एक दूसरे को
अगर कोई गलत भी बोलें तो मुस्कुरा दीजिए।
जिंदगी है जितना हंसीन सज्जनों
उतना ही कष्टों का घर भी है
गुस्से पर नियंत्रण रखना जरूरी है
अगर कोई गलत भी बोलें तो मुस्कुरा दीजिए।
नियति की माया के आगे
कब किसी का बस चला है
विपरीत समय में व्यक्ति से हो सकता है भूल
अगर कोई गलत भी बोलें तो मुस्कुरा दीजिए।
मुश्किल होता है रिश्तों को संभालना
उससे भी मुश्किल होता है रिश्तों को संवारना
मानव जीवन है बहुत अनमोल
अगर कोई गलत भी बोलें तो मुस्कुरा दीजिए।
हमारा जीवन है एक प्रश्न
जिसका उत्तर अब तक नही मिल पाया है
शायद फिर से नही मिलेगा दुबारा
अगर कोई गलत भी बोलें तो मुस्कुरा दीजिए।
कैसे बताएं इस जमाने को
इस जग में कोई नही है बुरे
हमें अपना फर्ज निभाना चाहिए
अगर कोई गलत भी बोलें तो मुस्कुरा दीजिए।

नूतन लाल साहू

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2 Comments

Gunjan Kamal

30-Apr-2024 08:17 AM

बहुत खूब

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Varsha_Upadhyay

27-Apr-2024 10:47 PM

Nice

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